आ फिर से आरज़ू कर, पैग़ामे मोहब्बत की, सर चढ़ी दुनिया को, पैरों पे गिरा दें...! आ फिर से आरज़ू कर, पैग़ामे मोहब्बत की, सर चढ़ी दुनिया को, पैरों पे गिरा दें...!
अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नहीं आती।। अपने शहर में यूँ, हमें यारी नही भाती। यहाँ मतलब के हैं लोग, जो हमको नह...
कहने को न कुछ क्या सितम ढहे कैसे हमारे रिश्ते अनकहे ? कहने को न कुछ क्या सितम ढहे कैसे हमारे रिश्ते अनकहे ?
देखते देखते एक वक्त के बाद हमारी उम्र ढलने लगती है , हमारा शरीर कमजोर होने लगता है देखते देखते एक वक्त के बाद हमारी उम्र ढलने लगती है , हमारा शरीर कमजोर होन...
क्या उम्र भी - इसी तरह ढलती है ? उसका भी यही हश्र होता है ? क्या उम्र भी - इसी तरह ढलती है ? उसका भी यही हश्र होता है ?
ऐसे भोलेनाथ रहते, हर घड़ी तैयार है। जो भी उनका नाम लेवे, होवे भव से पार है।। ऐसे भोलेनाथ रहते, हर घड़ी तैयार है। जो भी उनका नाम लेवे, होवे भव से पार है।।